कुंदरकी-बिलारी बाइपास पर स्थित केजीएन मल्टीस्पेशलिटी हास्पिटल का मामला
एफआईआर के बावजूद हो रही भ्रूण हत्याएं
सरकार की कहानी
मुरादाबाद (जरीस मलिक)। स्वास्थ्य विभाग की करनी और कथनी में फर्क किसी से छुपा नहीं है। प्रतिदिन विभाग अपंजीकृत अस्पताल-पैथौलाजी लैबों को सीलबंद कर रहा है और 24 घंटे के भीतर संचालक ताले तोड़कर सरकार को ठेंगा दिखा रहे हैं।

ऐसा ही एक मामला कुंदरकी के केजीएन मल्टीस्पेशलिटी हास्पिटल का सामने आया है। जहां पर संचालक ने अधिकारी को रिश्वत देकर सीलबंद अपंजीकृत अस्पताल का ताला तोड़कर आप्रेशन शुरू कर दिए हैं। फिर से बेख़ौफ़ होकर गर्भवती महिलाओं का गर्भपात करा रहा है। संचालक पर विभाग की और से मुकदमा दर्ज कराया गया और अस्पताल भी सील किया गया। इसके बावजूद जबरन दबंगई के बल पर ताले तोड़ दिए गए और विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ये कहकर खामोश है कि अब पुलिस का काम है हमारा नहीं?

कुंदरकी बिलारी बाईपास पर केजीएन नर्सिंग होम पुनः संचालित कर दिया गया है। संचालक ने जबरन दबंगई के बल पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए गए ताले तोड़ दिए हैं। वर्तमान में भी इसका पंजीकरण सीएमओ दफ्तर में नहीं है। खुले आम पुनः गर्भपात और आप्रेशन झोलाछाप डॉक्टर द्वारा कराए जा रहे हैं। बायोमेडिकल वेस्ट कचरें का मानकों द्वारा निस्तारण नहीं हो रहा। अप्रशिक्षित स्टाफ हमेशा मौजूद रहता है प्रशिक्षित चिकित्सक यहां कोई प्रेक्टिस नहीं करता।

मरीजों को धोखा देने और उनकी जिंदगी से खिलवाड़ करने के लिए बोर्ड और अभिलेखों पर डाक्टरों के नाम और डिग्री लिखा रखी है। ऐसा नहीं है कि सीएमओ डॉ कुलदीप चौधरी को इसकी जानकारी नहीं है लेकिन फिर भी चुप है। नोडल अधिकारी डा. संजीव बेलवाल की कार्यशैली पर फिर सवाल खड़े हो रहें हैं। क्योंकि छोटे साहब अपंजीकृत अस्पताल पैथोलॉजी लैबों को सीलबंद करने में जितनी फुर्ती दिखाते हैं उसे ज्यादा रफ्तार से वह सुविधा शुल्क लेकर खुलवा भी देते हैं। जिलाधिकारी को इस ओर ध्यान देना चाहिए।