ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना का पराक्रम, राफेल विमानों ने किया सटीक प्रहार
पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर भारतीय वायुसेना के राफेल विमानों ने स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हैमर बम से तबाही मचाई। उन राफेल विमानों को लाने का श्रेय आगरा के लाल पूर्व एयर चीफ आरके सिंह भदौरिया को है। फ्रांस के साथ राफेल डील में अहम भूमिका निभाने वाले ये पूर्व एयर चीफ राफेल उड़ाने वाले पहले पायलट हैं। देश में आए पहले राफेल विमान के टेल पर उनके नाम पर ही आरबी-01 नाम देकर सम्मान दिया गया है।

पूर्व एयर चीफ मार्शल आरके सिंह भदौरिया का पैतृक गांव बाह के कौरथ में है। फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों की खरीद में उनका बड़ा योगदान रहा था। एयर चीफ बनने के बाद उन्होंने राफेल में उड़ान भरी थी। उन्हीं राफेल विमानों ने सीमा पार किए बिना ही पाकिस्तान में मौजूद आतंकी अड्डों पर स्कैल्प क्रूज मिसाइलें दागी गईं। राफेल के साथ एयर स्ट्राइक में आगरा एयरबेस में तैनात रहे एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (अवाक्स) का भी योगदान रहा है।

आगरा मंडल के दीपक चौहान ही फ्रांस से लाए
मंडल के मैनपुरी निवासी स्क्वाड्रन लीडर दीपक चौहान ही पहले पायलट थे, जो फ्रांस से राफेल विमान को भारत लेकर आए। मैनपुरी निवासी दीपक चौहान साल 2007 में भारतीय वायुसेना में कमीशन हुए थे। उन्होंने राफेल विमान उड़ाने का सबसे पहले प्रशिक्षण लिया था। वह इससे पहले मिराज और जगुआर विमान भी उड़ा चुके हैं।
एयर स्ट्राइक में भी आगरा की भूमिका
छह साल पहले पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के दौरान आगरा एयरफोर्स की बड़ी भूमिका रही थी। तब आगरा एयरफोर्स बेस स्टेशन से इजराइली तकनीक वाले अवाक्स विमान पूरी स्ट्राइक के दौरान आसमान में ही रहे थे। अवाक्स के जरिए ही एयर स्ट्राइक पर निगरानी रखी गई थी। इस स्ट्राइक में ग्वालियर और आगरा से विमानों ने उड़ान भरी थी।