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बीमा क्लेम के नाम पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी का खुलासा , बीमा राशि हासिल करने के लिए की गई कई हत्याएं

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ईडी ने जांच को दी हरी झंडी, शुरू होंगी वित्तीय अनियमितताओं की पड़ताल

फर्जी तरीके से बीमाकर क्लेम हड़पने वाले गिरोह के खिलाफ अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच करेगी। इस जांच के लिए एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने पुलिस मुख्यालय को पत्राचार किया था। मुख्यालय से ईडी मुख्यालय को पत्राचार किया गया। ईडी की ओर से जांच के लिए सहमति बन गई है। अब पुलिस के साथ ईडी की जांच इस गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। एसपी का कहना है कि 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का गबन होने का अनुमान है। इससे कहीं ज्यादा का भी गबन निकल सकता है। जो तथ्य सामने आए हैं उससे 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का गबन मानकर पुलिस चल रही है। इसलिए ही ईडी से जांच के लिए आग्रह किया गया था।

एसपी ने बताया कि 17 जनवरी को बीमा क्लेम हड़पने वाले गिरोह के सरगना समेत दो आरोपी रजपुरा थाना पुलिस ने गिरफ्तार किए थे। पूछताछ के दौरान बीमा क्लेम हड़पने का मामला सामने आया था। इसके बाद जांच आगे बढ़ी तो तार से तार जुड़ते जा रहे हैं। बताया कि 15 एफआईआर अलग-अलग थानों में दर्ज हो चुकी हैं। 40 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और तीन आरोपियों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है। अभी जांच जारी है। बताया कि यह गिरोह अलग-अलग बीमा पॉलिसी में गबन कर रहा था। छानबीन में सामने आया है कि इस गिरोह के तार 12 राज्यों तक फैले हैं। एएसपी अनुकृति शर्मा इस कार्रवाई का नेतृत्व कर रही हैं। उन्होंने टीम के साथ इस गिरोह के कई राजफाश किए हैं।

बीमा क्लेम हड़पने के लिए गिरोह ने बेकसूर लोगों की हत्याएं कीं
गिरोह ने दो दिव्यांग समेत चार लोगों की हत्या की है। इसके सभी आरोपी जेल जा चुके हैं। 31 जुलाई को बदायूं जिले के थाना बिसौली अंतर्गत गांव दिलवारी निवासी दरियाब (38) की गाड़ी से कुचलकर व हथौड़े से पीटकर हत्या की थी। 50 लाख रुपये से ज्यादा की अलग-अलग कंपनी में पॉलिसी कराई गई थीं। इसी तरह बदायूं जिले के ही थाना इस्लामनगर अंतर्गत मोहल्ला बमनपुरी निवासी दिव्यांग संजय की हत्या 20 जून 2024 को उसके छोटे भाई नवीन ने की थी। 95 लाख रुपये के बीमा क्लेम हड़पने के लिए यह वारदात अंजाम दी थी। तीसरी हत्या दिल्ली निवासी अमन (20) की 15 नवंबर 2023 को अमरोहा जिले के रहरा थाना क्षेत्र में की गई थी। रिश्ते के मामा ने गिरोह के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। 2.70 करोड़ रुपये की अलग-अलग कंपनी में बीमा पॉलिसी कराई गई थीं। इसमें 20 लाख रुपये मिल भी गए थे। चौथी हत्या धनारी निवासी सलीम की 29 जुलाई 2022 को अमरोहा के रहरा थाना क्षेत्र में ही की गई थी। इस हत्या को भी अंजाम अमन की हत्या करने वाले गिरोह ने की थी। अमन की हत्या के सिलसिले में हुई पूछताछ में सलीम की भी हत्या का राजफाश हो गया।

मर चुके लोगों का पीएमजेवाई समेत कई कंपनी का बीमा करा देता था गिरोह
गिरोह बीमा क्लेम हड़पने के लिए अलग अलग तरीके अपनाता था। पीएमजेवाई सरकारी योजना है। इस योजना में भी फर्जीवाड़ा किया गया है। यह गिरोह सरकारी व निजी कंपनी में मर चुके या मरने की स्थिति वाले लोगों का बीमा कराता था। इसके बाद निजी कंपनियों में मिलीभगत कर क्लेम पा लेता था। ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जिसमें व्यक्ति की मौत पहले हुई और फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र के माध्यम से बीमा कराया और प्रीमियम भी भरा, इसके बाद लाभ पा लिया।

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बैंक कर्मचारियों के साथ बीमा पॉलिसी इंवेस्टीगेशन कंपनी के मालिक तक गिरोह में शामिल
संभल पुलिस बुलंदशहर जिले की यस बैंक शाखा के दो कर्मचारियों के साथ ईस्ट इंडिया इंवेस्टीगेशन कंपनी के मालिक शैलेंद्र तक की गिरफ्तारी कर चुकी है। यह गिरोह हर स्तर पर काम कर रहा था। बीमा करने से लेकर क्लेम पाने तक। जिन लोगों को निशाना बनाना है उनकी तलाश करने के लिए भी गिरोह के सदस्य काम कर रहे थे। सरकारी विभाग के कर्मचारी भी इस गिरोह के साथ मिले हुए थे। ग्राम पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

पुलिस की इस कार्रवाई से खुलता गया गिरोह का राज
17 जनवरी की रात रजपुरा पुलिस ने वाराणसी के कैंट थाना क्षेत्र के फुलवरिया निवासी ओंकारेश्वर मिश्र और गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत बबराला निवासी अमित को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने बीमा क्लेम हड़पने वाले गिरोह की पूरी जानकारी दी थी। बाद से लगातार कार्रवाई जारी है। एसपी का कहना है कि इस गिरोह का सरगना ओंकारेश्वर मिश्र ही है। उसके माध्यम से ही पूरा गिरोह ऑपरेट किया जा रहा था। बीमा क्लेम हड़पने वाले गिरोह ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का गबन किया है। ऐसा अभी तक अनुमान है। ईडी भी इस मामले में जांच करेगी। इसके लिए पत्राचार पुलिस मुख्यालय को किया गया था। अब ईडी और पुलिस की एक साथ जांच होगी। उसके आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ेगी। -कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसपी, संभल

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