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संभल में दबंगई के बल पर कब्जाई जमीं पर चला बुलडोजर, जुनावई ब्लॉक प्रमुख पर संगीन आरोप

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संभल। जिले के गांव जगन्नाथपुर में फर्जी बैनामा कराकर कब्जाई जमीं को जमींदोज कर दिया गया। ये जुनावई के पूर्व ब्लॉक प्रमुख और उसके पिता द्वारा जबरन दबंगई के बल पर कब्जा की गई थी। बुधवार को प्रशासन ने जमीन को कब्जामुक्त कराने के बाद पीड़ित को कब्जा दे दिया।
गुन्नौर निवासी अब्दुल मजीद पुत्र मुर्तजा अली ने बताया कि हाईवे किनारे गांव जगन्नाथपुर पर उसकी 0.838 हेक्टेयर पर जुनावई ब्लॉक प्रमुख रवि यादव व उसके पिता महेश यादव ने फर्जी बैनामा कराकर कब्जा कर लिया था। सालों मुकदमा चलने के बाद कोर्ट ने दोनों व्यक्तियों का बैनामा निरस्त कर दिया। इसके बाद भी ब्लॉक प्रमुख व उसके पिता ने दबंगई के बल पर कब्जा नहीं हटाया। बुधवार को पुलिस-प्रशासन की टीम ने जमीन को कब्जामुक्त कराकर पीड़ित को कब्जा दिलाया।

बताते चलें कि भाजपा नेता के हत्यारोपी ब्लॉक प्रमुख रवि यादव समेत तीन चार लोगों ने गांव मैढोली के पास एक तालाब की जमीन पर भी कब्जा कर चहारदीवारी कर ली थी। ग्रामीणों ने कई बार शिकायत कर तालाब को कब्जामुक्त कराने की मांग की। जिस पर कुछ दिन पहले पुलिस के साथ कानूनगो जहारी सिंह व हल्का लेखपाल सतवंत ने नापजोख कर तालाब की भूमि चिह्नित कर जमीन को कब्जामुक्त करने के आदेश दिए थे।लेकिन किसी ने कब्जा नहीं हटाया। बुधवार को हल्का लेखपाल कृष्ण नंदन सक्सेना ने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और रवि यादव के खंडहरनुमा कमरे को जेसीबी से ध्वस्त कराकर जमीन को कब्जामुक्त कराया।

आरोपियों ने बुर्का पहनकर कोर्ट में किया आत्मसमर्पण

बहुचर्चित भाजपा नेता गुलफाम सिंह यादव की हत्या में वांछित चल रहे एक लाख के इनामी मुख्य आरोपी धर्मवीर उर्फ धम्मा ने मंगलवार को पुलिस को चकमा देकर बदायूं कोर्ट में बुर्का पहनकर आत्मसमर्पण कर दिया। मामले में एसपी ने कोर्ट में आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए तैनात किए गए दरोगा समेत दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया है।

गांव दबथरा हिमंचल में 10 मार्च को भाजपा नेता गुलफाम सिंह यादव की जहरीला इंजेक्शन पेट में घोंपकर कर हत्या कर दी गई थी। मृतक के बेटे दिव्य प्रकाश यादव ने ब्लाॅक प्रमुख रवि यादव, महेश यादव सहित चार नामजद व दो अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने छह लोगों को 25 मार्च को जेल भेज दिया।

ढड़वारा गांव निवासी नेमपाल और मैढोली गांव निवासी धर्मवीर उर्फ धम्मा का नाम प्रकाश में आया था। इन दोनोंं फरार हत्यारोपियों पर एक-एक लाख रुपए कर ईनाम घोषित किया गया था। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बदायूं व अन्य न्यायालय के गेट पर तैनात की गई थी। 19 अप्रैल को आरोपी नेमपाल ने आत्मसमर्पण कर दिया था।

धर्मवीर उर्फ धम्मा को पकड़ने के लिए बदायूं न्यायालय के गेट पर दरोगा रामवीरेश यादव, कांस्टेबल सौरभ कुमार को बदायूं न्यायालय के गेट और शुभम को पैरवीकार में लगाया गया था। 12 मई को धर्मवीर उर्फ धम्मा ने बुर्का पहनकर चोरी के मामले में आत्मसमर्पण कर दिया। जिस पर एसपी ने दरोगा और दोनों कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है।

सीओ दीपक तिवारी ने बताया कि एक सब इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है। किस मामले में निलंबन कार्रवाई की गई है ये जानकारी नहीं है।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
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