एसीएमओ डा. मनोज चौधरी ने डेढ़ महीने पहले किया था मन्नत हाॅस्पिटल

मुरादाबाद/संभल। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लाख प्रयासों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार खत्म नहीं होता दिखाई दें रहा है। संभल जिले में स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डा मनोज चौधरी का खेल किसी से छुपा नहीं है। प्रतिदिन बड़े पैमाने पर अपंजीकृत अस्पताल और पैथोलॉजी लैबों को लाॅक-अनलाॅक करने का खेल युद्ध स्तर पर चल रहा है और सीएमओ चुपचाप तमाशबीन बने बैठें हैं। ऐसा ही एक मामला मन्नत हाॅस्पिटल का सामने आया है।

थाना नखासा क्षेत्र के हीसमपुर रोड़ पर गवर्मेंट स्कूल के पास गांव पीपली रेहमापुर में मन्नत हाॅस्पिटल को एसीएमओ डा मनोज चौधरी ने 11 अप्रैल को लाॅक किया था। मुकदमा भी पंजीकृत कराया था। लेकिन 28 मई को संचालक शाहने आलम ने लाॅक तोड़कर पुनः हाॅस्पिटल को संचालित कर दिया।

संचालक से इस संबंध में जब फोन पर पक्ष जाना तो उसने दो टूक बताया कि एसीएमओ डा मनोज चौधरी से सांठगांठ हो गई है उनके इशारे पर ही सील खोलकर ताला तोड़ा गया है। पंजीकृत के सवाल पर संचालक ने बताया कि डा.अरविंद गुप्ता के नाम पर पूर्व में पंजीकरण था लेकिन अब वह चिकित्सक चले गए हैं। हालांकि अरविंद गुप्ता एक आयुर्वेदिक चिकित्सक है। जिनका पंजीकरण सिर्फ आयुर्वेदिक एवं यूनानी कार्यालय में ही हो सकता है।

डेढ़ महीने बंद रहने के बाद ताला तोड़ना इस बात की ओर इशारा करता है कि स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी आजकल अपंजीकृत अस्पतालों को लाॅक-अनलाॅक करने का खेल युद्ध स्तर पर खेल रहे हैं। जिनको रोकना शायद सीएमओ संभल की अधिकार क्षेत्र से बाहर है। जिलाधिकारी को इस खेल में विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
ये बोले मुख्य चिकित्साधिकारी

मेरे संज्ञान में मन्नत हाॅस्पिटल का मामला आपके द्वारा आया है यदि उसको पुनः ताला तोड़कर खोला गया है तो संचालक जिम्मेदार होगा। शीघ्र ही टीम भेजकर वैधानिक कार्यवाही कराई जाएगी। फिलहाल समय समय पर अभियान चलाया जा रहा है अपंजीकृत हाॅस्पिटल हो या क्लीनिक किसी भी शर्त पर संचालित नहीं होने दिया जाएगा।