किराए की डिग्री पर किसने दिया पंजीकरण ?

मुरादाबाद। जिले में पीसीपीएनडीटी एक्ट का खुलेआम जिलाधिकारी की मीटिंग में मज़ाक उड़ाया जा रहा है। सुविधा शुल्क की आड़ में सांठगांठ करके किराए की डिग्रियों पर पंजीकरण हो रहे हैं और संचालक पंजीकृत चिकित्सक की गैरमौजूदगी में मनमर्जी से टैक्नीशियन हायर करके मरीजों के अल्ट्रासाउंड करवा रहा है। ऐसा ही एक मामला नगर पंचायत उमरी कलां में प्राइम अल्ट्रासाउंड सेंटर का मामला पकड़ में आया है।

नगर पंचायत उमरी कलां स्थित मुरादाबाद मार्ग पर इंडियन पेट्रोल पम्प के पास प्राइम अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित है।जिसका पंजीकरण जिलाधिकारी मुरादाबाद ने डा. सतीश कुमार हरने की डिग्री पर दिया है विभागीय सूत्रों से ज्ञात हुआ कि उपरोक्त पंजीकृत चिकित्सक की गैरमौजूदगी में मुरादाबाद का एक टैक्नीशियन मशीन से अल्ट्रासाउंड मरीजों के कर रहा है। पंजीकृत चिकित्सक तो मुरादाबाद जिले से बाहर रहते हैं यहां कभी आते भी नहीं।

पीसीपीएनडीटी एक्ट के नियमों के अनुसार जिस चिकित्सक के नाम से लाइसेंस अर्थोरिटी यानि जिलाधिकारी द्वारा पंजीकरण किया गया है वहीं चिकित्सक मशीन से अल्ट्रासाउंड करेगा। डाक्टर की गैरमौजूदगी में कोई अन्य व्यक्ति मशीन को नहीं चला सकता। टैक्नीशियन सिर्फ टाइपिंग करने के लिए अधिकृत है। लेकिन यहां टैक्नीशियन मशीन से अल्ट्रासाउंड कर रहा है वो भी बिना आधार कार्ड की प्रतिलिपि जम़ा कराए और फार्म एफ बिना भरें ही सेल्फ अल्ट्रासाउंड किये जा रहे हैं
जिलाधिकारी अनुज कुमार को लाइसेंस इश्यू करने के बाद भी समय पर निरीक्षण करना चाहिए। ताकि कोई पीसीपीएनडीटी एक्ट का मज़ाक न उड़ा सके। सीएमओ डा. कुलदीप चौधरी से फोन पर उनका पक्ष जाना तो उन्होंने बताया कि जिस चिकित्सक के नाम पर पंजीकरण दिया गया है वो ही मशीन से अल्ट्रासाउंड करने के लिए अधिकृत है। टैक्नीशियन यदि अल्ट्रासाउंड करता पाया जाएगा तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं सेंटर के मैनेजर धीरेन्द्र ने बताया कि टैक्नीशियन ही मशीन से अल्ट्रासाउंड करता है वह मुरादाबाद से आता है। डाक्टर अभी मौजूद नहीं है।